क्यों बौखलाए बौखलाए हैं तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की चुप्पी में मजा है ?
बिहार की राजनीति बुत हद तक दो चेहरों के बीच घूम रही है, एक है मुख्यमंत्री नीतीशकुमार और दुसरे हैं उन्हें चाचा कहने वाले तेजस्वी यादव. लालू के बेटे तेजस्वी ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ रहे जब उन्हें नीतीश पर तंज कसने का मौका मिले
बिहार की राजनीति बुत हद तक दो चेहरों के बीच घूम रही है, एक है मुख्यमंत्री नीतीशकुमार और दुसरे हैं उन्हें चाचा कहने वाले तेजस्वी यादव. लालू के बेटे तेजस्वी ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ रहे जब उन्हें नीतीश पर तंज कसने का मौका मिले और उसे वो छोड़ दें. ऐसे में एक बार फिर तेजस्वी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. दरअसल, नीतीश कुमार का एक वीडियो इंटरनेट पर ट्रेंड कर रहा है, वीडियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुल का काम पुरा करने के लिए एक अधिकारी के पैर छूने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
ये वीडियो उस समय का है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजधानी पटना के जेपी गंगा पथे के गायघाट से कंगनघाट के हिस्से का लोकार्पण करने आए थे. वहीं उन्होंने अधिकारी के पैर छूने की बात कही थी, नीतीश की इस बात को तेजस्वी ने लपक लिया और जोरदार कमेंट किया. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘पूरे विश्व में इतना असहाय,अशक्त,अमान्य,अक्षम, विवश,बेबस,लाचार और मजबूर कोई ही मुख्यमंत्री होगा जो BDO, SDO, थानेदार से लेकर अधिकारियों और यहां तक कि संवेदक के निजी कर्मचारी के सामने बात-बात पर हाथ जोड़ने और पैर पड़ने की बात करता हो?’
उन्होंने आगे कहा, ‘बिहार में बढ़ते अपराध, बेलगाम भ्रष्टाचार, पलायन एवं प्रशासनिक अराजकता का मुख्य कारण यह है कि एक कर्मचारी तक मुख्यमंत्री की नहीं सुनता? क्यों नहीं सुनता और क्यों नहीं आदेशों का पालन करता, यह विचारनीय विषय है? हालाँकि इसमें कर्मचारी व अधिकारियों का अधिक दोष भी नहीं है.’
तेजस्वी ने आगे लिखा, ‘ एक कमजोर बेबस मुख्यमंत्री के कारण बिहार में होना वही है जो ‘चंद’ सेवारत और ‘सेवानिवृत्त’ अधिकारियों ने ठाना है क्योंकि अधिकारी भी जानते है कि ये 43 सीट वाली तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री है. जब शासन में इकबाल खत्म हो जाए हो और शासक में आत्मविश्वास ना रहे तब उसे सिद्धांत,जमीर और विचार किनारे रख ऊपर से लेकर नीचे तक बात-बात पर ऐसे ही पैर पड़ना पड़ता है. बहरहाल हमें कुर्सी की नहीं बल्कि बिहार और 14 करोड़ बिहारवासियों के वर्तमान और भविष्य की चिंता है.’
दरअसल तेजस्वी और नीतीश के बीच सारा खेल 2025 में विधानसभा चुनावों को लेकर चल रहा है, एक तरफ तेजस्वी विस्फोटक अंदाज में नीतीश को धेरने का मौका नहीं छोड़ रहे, वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार अपनी राजनीति का लंबा अनुभव होने की वजह से तेजस्वी पर कमेंट करने से बच रहे हैं. अब आप की क्या है राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं.