मुस्लिम परिवार ने घर के आँगन में हिन्दू दुल्हन का मंडप सजा कर किया कन्यादान , रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम महिला शादी में मंगल गीत नजर आई।
DESK : आज जहां देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच की दीवारें और मजबूत होती जा रही हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह मजहबीं दीवारें कोई मायने नहीं रखती हैं। कम से कम यूपी के आजमगढ़ से जो तस्वीरें सामने आई है, उसके बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि इस देश में इंसानियत के आगे धर्म पीछे ही रहेगी। दरअसल, यहां एक शादी हुई है। लेकिन इस शादी की चर्चा न सिर्फ आजमगढ़, बल्कि हर सोशल मीडिया पर हो रही है। इस चर्चा का कारण है शादी की जगह।
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शादी एक हिन्दू लड़की की थी। लेकिन उसकी शादी का मंडप एक मुस्लिम परिवार के घर में लगाया गया था। वहीं पूरी शादी संपन्न हुई। रमजान के पवित्र माह में मुस्लिम महिलाएं दुल्हन के लिए मंगल गीत गाती हुई नजर आईं। वहीं इसी घर से दुल्हन की विदाई भी हुई। सबसे बड़ी बात कि इस शादी की पूरी जिम्मेदारी एक मुस्लिम परिवार ने निभाई।
इस शादी में दुल्हन का नाम पूजा है। आजमगढ़ के एलवल मोहल्ले में रहनेवाली पूजा के सिर के दो साल पहले पिता का साया उठ गया था। जिसके बाद उसके मामा राजेश चौरसिया ने पूजा और उसकी मां की देखभाल करनी शुरू दी। साथ ही पूजा की शादी करवाने का भी फैसला किया।
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आजमगढ़ शहर के एलवल मोहल्ले के रहने वाले राजेश चौरसिया पान की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनकी बहन शीला के पति की दो साल पहले कोरोना काल में मौत हो गयी थी। इसके बाद चौरसिया ने अपनी भांजी पूजा की शादी करने की ठानी। उन्होंने अपनी भांजी पूजा चौरसिया की शादी तय भी कर दी, लेकिन मुश्किल ये थी कि राजेश के पास केवल रहने के लिए घर के सिवाय कुछ भी नहीं था। यही नहीं, उनकी आर्थिक हालत भी अच्छी नहीं थी, जिससे भांजी की शादी कर सकें। पूजा को भी लगने लगा कि उसकी शादी अब नहीं हो सकेगी।
यहां पर मदद के लिए पड़ोस में रहनेवाला एक मुस्लिम व्यक्ति परवेज का परिवार मदद के लिए सामने आया। मामा राजेश ने परवेज से भांजी की शादी के लिए मंडप लगाने की बात कही। यह सुनते ही परवेज मदद के लिए आगे आए। परवेज के घर के आंगन में न सिर्फ मंडप सजा बल्कि मंगल गीत भी गाए गए।
इसके बाद 22 अप्रैल को जौनपुर जिले के मल्हनी से बारात आंगन में पहुंची तो द्वाराचार और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे और सिन्दूरदान की रस्म संपन्न हुई। इस दौरान हिन्दू-मुस्लिम महिलाएं मिलकर देर रात तक शादी में मंगल गीत गाती रहीं। सुबह बारात विदा होने से पहले खिचड़ी रस्म शुरू हुई तो राजेश ने अपनी क्षमता के अनुसार वर पक्ष को विदाई दी। इसी रस्म के दौरान पड़ोसी परवेज ने दूल्हे के गले में सोने की चेन पहनाई, जिसे वहां मौजूद लोगों की खूब वाहवाही मिली।
वहीं, परवेज की पत्नी नादिरा ने बताया कि रमजान के महीने में उन्होंने अपने घर पूजा-पाठ कराई। इसका उन्हें कोई शिकवा नहीं है, बल्कि खुशी है कि हमने एक बेटी की शादी धूमधाम से की है। साथ ही कहा कि धर्म सबका अलग-अलग भले हो, लेकिन उन्होंने इंसानियत निभाई है।