Breaking NewsTop Newsउत्तर प्रदेशजुर्मराज्य
Trending

ग्राम प्रधान व सचिव पर पीड़ित का आरोप नहीं दे सका 20 हजार इसलिए नहीं मिल सका आवास-उत्तर प्रदेश, जनपद मैनपुरी

ग्राम प्रधान व सचिव पर पीड़ित का आरोप नहीं दे सका 20 हजार इसलिए नहीं मिल सका आवास-उत्तर प्रदेश, जनपद मैनपुरी

 उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी से है गरीबों के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनायी लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के चलते पात्रों को नहीं मिल सका लाभ। पन्नी व झोपड़ी डालकर जीवन हो रहा है बसर। आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख सकते हैं मकान की क्या हालत है। मकान की छत एक लकड़ी का सहारा देकर अपने छोटे-छोटे बच्चों व पत्नी के साथ जीवन बसर कर रहे हैं जयवीर सक्सेना और कोस रहे हैं खुद को हे भगवान ना जाने किस जन्म का बदला ले रहे हैं। यह तस्वीरें उन नेताओं और अधिकारियों के लिए है जो कहते हैं हां सब को आवास मिल गया सब सही हैं। तो फिर यह टूटे घर में रहने को क्यों मजबूर हैं आखिर कहानी क्या है। एक तरफ सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह सब योजना एक कागज में सिमटकर रहेगी। आवेदक ने 3 साल पहले राशन कार्ड बनवाया था लेकिन अभी तक नहीं मिल पा रहा है राशन कोई पूछे इनके परिवार से कोरोना काल में बिना काम के बिना राशन के इनका जीवन कैसे गुजरा होगा। विकासखंड जागीर क्षेत्र के गांव एलाऊ निवासी रेनू देवी पत्नी जयवीर भुर्जी को आवास नहीं मिल सका गरीब परिवार कच्चे मकान में झोपड़ी डालकर जीवन यापन कर रहा है। बीते 5 वर्ष में जयवीर ने आवास पाने के लिए ब्लॉक कार्यालय एवं ग्राम प्रधान व सचिव के अनगिनत चक्कर काटे लेकिन पात्र होने के बाद भी आवास नहीं मिल सका।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

आवास सूची में रेनू देवी पत्नी जयवीर का नाम प्रथम स्थान पर था। लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के कारण आवास नहीं मिल सका पीड़ित का आरोप है ग्राम पंचायत में जिन लोगों ने बीस-बीस हजार रुपये दे दिए थे उन्हें आवास योजना का लाभ मिला। मैं अपने परिवार का भरण पोषण मजदूरी कार्य करके करता हूं 20 हजार रुपये जुटाना मेरे लिए मुश्किल कार्य है। गिरासू कच्चे मकान की दीवालें गिरने का डर सताता रहता है कहीं किसी दिन कोई हादसा ना हो जाए। झोपड़ी के ऊपर काली पन्नी डालकर अपनी पत्नी व तीन बच्चों के साथ जीवन बसर हो रहा है। अथक प्रयासों के बाद भी आवास नहीं मिला थक हार कर घर बैठ गया। अब गांव की सरकार बदली है शायद नव निर्वाचित ग्राम प्रधान की कृपा हो जाए। तो आवास मिलने का सपना पूरा हो सकता है। शादी समारोह में हलवाई व टेंट हाउस वाले के साथ जाकर मेहनत मजदूरी का कार्य करता हूं। बमुश्किल तीन सौ रूपये मिल पाते हैं उससे ही परिवार का गुजारा चलता है। तीन वर्ष पूर्व राशन कार्ड बनवाया था लेकिन आज तक राशन नहीं मिला राशन डीलर से कहा तो जवाब मिला तुम्हारा राशन कार्ड सूची में नाम कट गया है तुम्हे राशन नहीं मिलेगा। जब की ऑनलाइन जानकारी जुटाने पर पता करवाया तो राशन कार्ड मेरी पत्नी के नाम से दर्ज है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से मांग की है विभागीय लोगों को निर्देशित कर आवास योजना के तहत आवास एवं नियमानुसार निशुल्क राशन दिलवाया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button