Pulwama Terror Attack: CRPF ने पुलवामा के बलिदानियों को दी ऐसे श्रद्धाजंलि
यह जवान उस समय बलिदान हो गए थे जब वे जम्मू से श्रीनगर में अपनी डयूटी पर जा रहे थे। इस हमले में बलिदान हुए जवान जम्मू के छन्नी हिम्मत कैंप से ही रवाना हुए थे।
नई दिल्ली। 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले में बलिदान हुए अपने जवानों को सीआरपीएफ ने श्रद्धांजलि दी। यह जवान उस समय बलिदान हो गए थे जब वे जम्मू से श्रीनगर में अपनी डयूटी पर जा रहे थे। इस हमले में बलिदान हुए जवान जम्मू के छन्नी हिम्मत कैंप से ही रवाना हुए थे।
DG #CRPF and all ranks of CRPF paid homage to the Pulwama Martyrs.The first copy of ‘Shahadat ka Shaurya’-the first of its kind video book dedicated to Pulwama Martyrs, was presented to DG CRPF by Shri Vivek Bhatt. pic.twitter.com/nm6hcrrkL3
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) February 14, 2021
जम्मू के छन्नी हिम्मत इलाके में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में सीआरपीएफ के बलिदानी हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की वीर नारी शाजिया कौसर को सीआरपीएफ के आइजीपी पीएस रनपिसे और उनकी पत्नी कविता रनपिसे ने सम्मानित भी किया। वीर नारी शाजिया कौसर समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित थीं। इस समारोह में प्रजापति ब्रह्मकुमारी की ओर से अध्यामिक सत्र का आयोजन भी किया गया जिसमें बल के जवानों ने भाग लिया। वहीं समारोह में सुनील शर्मा ने मेरा बलिदान रंग लाएगा गीत पेश किया जिसने जवानों में उत्साह भर दिया। समारोह में जवानों के परिजन भी शामिल हुए जबकि बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने वालों में सीआरपीएफ के डीआइजी प्रदीप चंद्रा, डीआइजी अशोक समेयाल, डीआइजीपी एके चतुर्वेदी व अन्य अधिकार भी शामिल थे।
तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं।
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।”Did not Forgive, will not Forget: Salute to our brothers who made the supreme sacrifice for the nation in #PulwamaAttack . Indebted, we stand with the families of our valiant Bravehearts. pic.twitter.com/pNAAvuCJUU
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) February 14, 2021
इसी बीच जीवन नगर में स्थित शिक्षा निकेतन स्कूल में रखे गए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बच्चों ने भाग लिया। मोमबत्तियां जलाकर बलिदानियों को याद किया गया। दो मिनट का मौन भी रखा गया। वहीं बाद में प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें भगवान से सुख शांति के लिए दुआ मांगी गई। साथ ही बलिदानी सैनिकों के परिजनों की सुख समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की गई। इस मौके पर संबोधित करते हुए अशोक ने कहा कि दो साल पहले आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में शांति को भंग करने के लिए सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था। देश को क्षति उठानी पड़ी। इसलिए इस दिन को हम काला दिवस के तौर पर मनाते हैं।
वहीं शिव सेना ने भी पुलवामा के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। जम्मू कश्मीर के प्रधान मनीश साहनी ने कहा कि पाकिस्तान अभी भी जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। मगर देश के सैनिक पाकिस्तान के मंसूबों को लगातार नाकाम बना रहे हैं। हमें सैनिकों पर गर्व है जोकि देश की सरहदों पर डटे हुए हैं व वहीं जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से भी लोहा ले रहे हैं।