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दिल्ली पुलिस के जवान शुक्रवार सुबह से ही गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटवा रहे

किसानों के आंदोलन स्थल दिल्ली-हरियाणा के टीकरी बार्डर पर एक लेने खोलने के बाद अब दिल्ली पुलिस यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर भी ऐसा ही कर रही है। दिल्ली पुलिस के जवान शुक्रवार सुबह से ही गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटवा रहे हैं। पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर से बैरिकेज हटाए जाने की कार्रवाई करने की पुष्टि की है। कुछ समय बाद यहां पर बैरिकेड पूरी तरह से हटा दिए जाएंगे। फिलहाल हम एनएच-9 को खोल रहे हैं, इसके बाद एनच-24 को भी खोला जाएगा।दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटने के बाद गाजियाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाला रास्ता खुल सकता है। आम जनता में इस बात को लेकर खुशी है कि  गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटने के बाद 11 महीने बाद ही सही फिर गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आवाजाही सामान्य हो सकेगी।

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इस बाबत एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ़ से आदेश है, इसलिए हम बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता खोल रहे हैं। बता दें कि 26 जनवरी को कृषि कानून विरोधियों ने ट्रैक्टर परेड निकाल कर राजधानी दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया था। उसके बाद ही पुलिस ने बैरिकेड से बार्डर को बंद कर दिया था।गौरतलब है कि दिल्ली के बार्डर पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से बंद रास्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट सवाल उठा चुका है कि जब तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों पर रोक लगी है तो किसानों का प्रदर्शन क्यों हो रहा है?ऐसे में दिल्ली पुलिस पर भी दबाव था कि वह टीकरी बार्डर के साथ ही यूपी गेट पर भी यातायात जल्द बहाल कराए। ऐसे में गाजीपुर बार्डर पर भी बैरिकेड हटाया जा रहा है। वहीं, कुंडली बार्डर पर फिलहाल ऐसी कोई कोशिश होती नहीं दिख रही है, जिस तरह की गतिविधि टीकरी और गाजीपुर बार्डर पर बढ़ी है।बता दें कि यूपी गेट पर दिल्ली जाने वाली सभी लेन पर 28 नवंबर, 2020 से प्रदर्शनकारियों का कब्जा है।

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पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत यहां बैरिकेड लगाए थे। गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह के अनुसार, टीकरी बार्डर पर हलचल के बाद यूपी गेट पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि दिल्ली पुलिस ने ही यातायात बाधित कर रखा है। अब दिल्ली पुलिस की ओर से बहादुरगढ़ जाने वाली लेन से जिस तरह से पत्थर हटाए जा रहे हैं और साफ-सफाई की जा रही है, उससे संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में यह रास्ता खोलकर पुलिस यातायात बहाल कर देगी। यह बार्डर 26 नवंबर, 2020 से बंद है, जब पंजाब से भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली कूच का आह्वान किया था। राजधानी में 26 जनवरी को हुए उपद्रव व ¨हसा के बाद बार्डर पर बैरिकेडिंग और ज्यादा मजबूत कर दी गई थी। बार्डर बंद होने से यहां पर फैक्टियों के संचालकों, दुकानदारों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों व आमजन को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बार्डर खुलवाने के लिए लोगों ने दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई थी। हरियाणा सरकार की हाईपावर कमेटी में शामिल अधिकारियों ने भी बीते 26 नवंबर को टीकरी बार्डर का दौरा किया था और किसानों व व्यापारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में बार्डर खोलने के लिए गेंद दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दी गई थी।

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में जज के सामने गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या

रोहिणी कोर्ट में दो बदमाशोें ने अंधाधुंध फायरिंग कर कुख्यात बदमाश जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या कर दी। वारदात के समय उसे कोर्ट रूम में पेशी के लिए लाया गया था। एक वकील ने बताया कि कोर्ट रुम में जज के सामने बदमाशों ने जितेंद्र मान उर्फ गोगी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। जबावी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई। जिसमें दोनों हमलावरों की भी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने तीनों शवाें को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंचकर जांच कर रहे हैं। कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। जानकारी के अनुसार रोहिणी कोर्ट रूम 207 में एनडीपीएस के एक मामले में जितेंद्र गोगी को पेशी के लिए लाया गया था। इस कोर्ट में एनडीपीएस से जुड़े मामले की सुनवाई होती है। कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी कि वकील की पोशाक पहने दो हमलावरों ने गोगी पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। बताया जाता है कि गोगी को तीन से चार गोलियां लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी दोनों हमलावरों पर गोली चलाई। जिसमें उन दोनों हमलावरों की भी गोली लगने की मौत हो गई।

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रोहिणी कोर्ट में आज जो वारदात हुई है, वो दिल्ली की किसी भी निचली अदालत में हो सकती है। साकेत कोर्ट में भी सुरक्षा राम भरोसे ही है। यहां न तो मेटल डिटेक्टर ठीक से काम करता है और न ही प्रवेश के समय वकीलों या अन्य किसी की कोई जांच की जाती है। जब सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की जांच होती है, हाई कोर्ट में बिना आइ कार्ड दिखाए वकील कोर्ट परिसर में नहीं जा सकते तो निचली अदालतों में भी सुरक्षा की ऐसी ही कड़ी व्यवस्था क्यों नहीं की जाती। पुलिस को वकीलों के साथ समन्वय के साथ कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि दो बदमाशों ने रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। पुलिस ने दोनों हमलावरों को मार गिराया। हमलावरों को ढेर करने वाले प्रत्येक पुलिसकर्मियों को 50-50 हजार रुपये बतौर इनाम दिया जाएगा।

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कोर्ट में चल रही थी सुनवाई -पुलिस ने बताया कि शूटआउट के दौरान कोर्ट रूम में सुनवाई चल रही थी। बताया जा रहा है कि कई राउंट गोली चली है। कोर्ट रूम में जज के सामने मारी गोली -रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि वकील की पोशाक पहनकर आए बदमाशों ने कोर्ट रूम में जज के सामने गोली मारी। इतिहास में शायद पहली ऐसी घटना है।वारदात में एक महिला वकील के पैर में भी गोली लगी है। वारदात के पीछे गैंगवार बताया जा रहा है। जिसमें गोगी के विरोधी टिल्लू गैंग के बदमाशों का हाथ होने की आशंका पुलिस जता रही है। टिल्लू गैंग का गोगी के साथ दुश्मनी बहुत पुरानी बताई जाती है।गोगी रोहिणी जेल संख्या 2 के हाई रिस्क वार्ड में बंद था। गोगी को स्पेशल सेल ने पिछले साल मार्च में बहुत मुश्किल से गुरुग्राम से पकड़ा था। उस समय उस पर 6.5 लाख का इनाम था। सूत्रों का कहना है कि विरोधी गिरोह ने जितेंद्र पर हमला किया है। जानकारी के अनुसार, गोली लगने से तीन लोग घायल भी हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हमलावर ढेर हो गए हैंपुलिस ने बताया कि गोगी को मारने आए राहुल फफूंदा और उसके साथी को सुरक्षा बल के जवानों ने मार गिराया। गोगी समेत तीन बदमाश मरे हैं। आरोपित वकील की ड्रेस पहनकर आये थे, ताकि कोई पहचान न सके। एक महिला वकील के पैर में गोली लगी है। घटना के बाद पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी है। कोर्ट के अंदर किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी,  एनकाउंटर के दौरान वांटेड अपराधी आकाश को धर दबोचा  

नई दिल्ली। राजधानी नई दिल्ली के लाडो सराय इलाके में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और बदमाश के बीच रविवार को मुठभेड़ हुई है। स्पेशल सेल के मुताबिक करीब 15 मामलों में वांटेड अपराधी के साथ ये मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के दौरान स्पेशल सेल की टीम ने आकाश उर्फ चवन्नी नाम के शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया।

मुठभेड़ के दौरान बदमाश आकाश ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करने लगा। जिस पर पुलिस ने बदमाश के दोनों पैरों में गोली मार उसको मौके पर ही दबोच लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल की टीम में स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस को भी सूचित किया, जिसके बाद एंबुलेंस के जरिए बदमाश को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रिपोर्ट- जसवंत गोयल दिल्ली

 

दिल्ली पुलिस ने 7 यूनिट ब्लड देकर बचाई शख्स की जान, परिजनों ने कहा दिल की पुलिस

नई दिल्ली। साउथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश थाने में एटीओ के पद पर तैनात इंस्पेक्टर जयप्रकाश नागर, कॉन्स्टेबल संदीप और महिला कॉन्स्टेबल अंजू ने एक हार्ट अटैक के मरीज को खून देकर मानवता की मिसाल पेश की है।

बता दें कि ग्रेटर कैलाश थाने में एक सारिका जुत्सी नाम की महिला पुलिस स्टेशन में आई। इसी बीच उन्होंने इंस्पेक्टर जयप्रकाश नगर से मुलाकात की और उन्होंने बताया कि उनके पिता जिनका नाम अनिल कुमार जुत्सी है। उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब है और उन्हें एक सर्जरी के लिए ब्लड की आवश्यकता है।

इसी बात पर ग्रेटर कैलाश थाने के इंस्पेक्टर जयप्रकाश नागर ने कांस्टेबल संदीप और महिला कांस्टेबल मंजू से बात की और उन्हें खून देने के लिए राजी किया। क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था और मरीज को भी बी ग्रुप की जरूरत थी। इसी को देखते हुए तीनों पुलिसकर्मियों ने सुबह हॉस्पिटल में जाकर खून दिया लेकिन खून देने के बाद अब पता चला है कि बीमार अनिल कुमार जुत्सी की हालत पहले से अच्छी है और उनकी सफल सर्जरी की जा चुकी है।

वहीं, मरीज के परिजनों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी काफी मदद की गई और उन्हें ब्लड दिया गया इसके लिए उन्हें काफी जरूरत थी जिस तरह से वह ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन पहुंची तो उन्होंने अपनी समस्या बताई इस पर दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर जयप्रकाश नागर ब्लड देने के लिए राजी हो गए और उन्होंने ब्लड देकर एक व्यक्ति की जान बचा कर बहुत ही नेक काम किया है। परिजनों ने दिल्ली पुलिस को दिल की पुलिस कहा।

 

…तो अरविंद केजरीवाल ने इसलिए दिल्ली पुलिस से वापस मांगी DTC की बसें !

नई दिल्ली।  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं DTC बसों को तुरंत डिपो में लौटने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि DTC की तकरीबन 10% बस दिल्ली पुलिस की सेवा में हैं जबकि दिल्ली की बसों में अब भी कोरोना की वजह से स्टैंडिंग अलाउड नहीं है। इसलिए अब दिल्ली पुलिस को बस देना मुमकिन नहीं है।

वहीं, दिल्ली सरकार के इस फैसले पर अब बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक तानाशाही रवैया दिखाया है,  वे अराजक थे और आज भी अराजक के रूप में व्यव्हार कर रहे हैं। डीटीसी बस किसलिए है, दिल्ली के जवानों को आवागमन के लिए जिस जगह सुरक्षा की आवश्यकता होती है वहां ट्रांसपोर्ट करके दिल्ली के जवानों को पहुंचाया जाता है।

सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली के निवासी नहीं है क्या, वे दिल्ली के नागरिकों के लिए काम नहीं करते है, क्या संसाधन उनके लिए नहीं हैं क्या? पुलिस वालों ने लाठी खाईं, तलवार खाईं, 400 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं लेकिन केजरीवाल को उनकी फिक्र नहीं। इससे पता चलता है केजरीवाल कितने आराजक हैं।

 

 

दिल्ली में घुस नहीं पाएंगे किसान, टीकरी बॉर्डर पर लगाई गई नुकीली कीलें

नई दिल्ली। टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है। पहले यहां पर सीसी की दीवार बनाई गई थी। सात लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी, मगर अब सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए गए हैं।

दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को यहां पर और भी मजबूत कर दिया गया है। बॉर्डर पर रोड रोलर भी अब खड़े कर दिए गए हैं ताकि किसान अगर दिल्ली में घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोकने के लिए रोड रोलर को सड़क पर खड़ा किया जा सके। यहां पर कई लेयर की सुरक्षा व्यवस्था बॉर्डर पर ही थी।

इसके बाद टीकरी कलां गांव तक जगह-जगह बैरिकेडिंग की दीवार खड़ी कर दी थी। टीकरी बॉर्डर पर ही दिल्ली पुलिस की ओर से सीसी की दीवार बना दी गई थी। चार फीट मोटी यह दीवार बनाई गई है।

इसके 10 कदम पर दिल्ली की तरफ एमसीडी टोल के पास बॉर्डर पर ही सड़क खोद कर उसकी जगह पर सीमेंट में लोहे की कीलें लगवा दी गई हैं। साथ ही लोहे के सरिया नुकीले बनवाकर यहां पर लगवा दिए गए हैं, ताकि कोई भी वाहन यहां से गुजर ना सके। यहां से लोगों के आने-जाने में भी काफी परेशानी होगी।

अगर किसान ट्रैक्टर लेकर यहां से दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे तो कीलों की वजह से वाहन का पंक्चर हो जाएगा। पूरा टायर खराब हो जाएगा। यहां से निकलना अब मुश्किल होगा। बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की 15 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के बाद यहां हर रोज सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।  इसी कड़ी में लोहे की कीलें लगाई गई हैं।

खुशखबरी : गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस का प्रदर्शन सबसे बेहतर   

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय की निर्णायक समिति ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टुकड़ियों के नाम ऐलान कर दिया। इसमें तीनों सेनाओं में जाट रेजिमेंट की टीम और केंद्रीय बलों में दिल्ली पुलिस की टीम का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इसका चयन अन्य प्रतिस्पर्धी बलों के आकलन के बाद किया गया है। आकलन करने के लिए एक निर्णायक समिति बनाई गई थी। उसने दिल्ली पुलिस की टुकड़ी  को श्रेष्ठ पाया है।

 

 

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिसकर्मियों को लिखा पत्र, कहा- आने वाले कुछ दिन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि आगे आने वाले कुछ दिन हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे। इसलिए हमें सचेत रहना होगा।

इसके अलावा पत्र के माध्यम से  एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के उग्र व हिंसक हो जाने पर भी आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया है। हमारे पास बल प्रयोग का विकल्प मौजूद था लेकिन हमने सूझबूझ का परिचय दिया। आपके इस आचरण से दिल्ली पुलिस इस चुनौती पूर्ण आंदोलन से निपट पाई। हम सब इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आपकी मेहनत और कार्य कुशलता से ही किसान आंदोलन की चुनौती का हम डटकर मुकाबला कर पाए हैं।

बता दें कि 26 जनवरी को देश गणतंत्र दिवस मना रहा था और राजपथ पर भारतीय शौर्य की साक्षी दुनिया बन रही थी। लेकिन उसी दौरान राजपथ से महज कुछ किमी दूर उत्पात का खेल खेला जा रहा था। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड का ऐलान किया था। लेकिन दिल्ली पुलिस के मुताबिक वो अपने शपथ पत्र से मुकर गए। ट्रैक्टर परेड के नाम पर आईटीओ और लालकिले से जो तस्वीरें सामने आईं पूरी दुनिया आज उसकी निंदा कर रही है।

ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर गृह मंत्री अमित शाह ने की मुलाकत, जाना हालचाल  

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम शाह अस्पताल पहुंचकर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। गृह मंत्री ने यहां घायल पुलिसकर्मियों से हालचाल जानकर उनका हौसला बढ़ाया।

किसानों की  ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बता दें कि किसान नवंबर से ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। आधिकारिक आंकडों मुताबिक हिंसा और तोड़फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।

मामले को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस.एन श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी।

ट्रैक्टर परेड के नाम पर हिंसा करने वाले किसानों के खिलाफ जारी होगा लुक आउट नोटिस

नई दिल्ली।  गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में की हर तरफ निंदा हो रही है। दिल्ली पुलिस भी इस मामले में बेहद सख्ती से काम ले रही है।

डीडी न्यूज की खबर के मुताबिक पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग थानों में अब तक हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में 25 एफआईआर दर्ज की है। जिन किसान नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई है, उनके खिलाफ अब दिल्ली पुलिस लुक आउट नोटिस जारी करेगी।

FIR में जिन किसान नेताओं के नाम हैं, दिल्ली पुलिस उनके पासपोर्ट सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी। इसके अलाव दिल्ली पुलिस ने क्रांतिकारी किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा के दर्शन पाल को भी नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाब मांगा है। साथ ही सभी आरोपी किसानों औऱ दंगाइयों के नाम मांगे हैं जो इन दंगों में शामिल थे। किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के मामले में अब तक 400 से ज्यादा पुलिस के जवान घायल हुए हैं।