‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में हो गए 5 बड़े बदलाव, अकाउंट ऑपरेट से पैसे निकालने तक सब कुछ बदला…
desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में बेटियों के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. इस योजना में इंवेस्ट करने पर 7.6 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जाता है. अगर आपके घर में 10 साल से कम उम्र की बिटिया है, तो उसके नाम पर अकाउंट ओपन करवा सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन अब इस योजना में मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. केंद्र सरकार ने इस योजना में 5 बदलाव किये हैं. इससे सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना और आसान हो जायेगा.
केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में जो 5 बड़े बदलाव किए हैं उसके तहत पहले न्यूनतम राशि जमा नहीं कराने पर यह अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता था. लेकिन अब अगर आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करेंगे तो भी आपका अकाउंट डिफॉल्ट नहीं होगा. अब अकाउंट को दोबारा एक्टिव नहीं करना होने। सुकन्या समृद्धि योजना में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने का प्रावधान है.
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अब तक सुकन्या समृद्धि योजना में दो बेटियों के खाते पर टैक्स छूट का प्रावधान था.लेकिन अब अगर एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां हैं, तो दोनों बेटियों का खाता खोल सकेंगे. दोनों पर टैक्स छूट मिलने का भी प्रावधान होगा. नए नियम में अब हर वित्त वर्ष समय पर ब्याज मिलेगा.
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वहीं अब तक बेटी की उम्र 10 साल पूरी होने पर वह खुद अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकती थी. इसमें बड़ा बदलाव करते हुए अब जब बेटी की उम्र 18 साल पूरी होगी, तभी वो अपने अकाउंट को ऑपरेट कर पायेगी. इससे पहले बेटी के पेरेंट्स इस अकाउंट को ऑपरेट कर सकेंगे. वहीं खाता बंद करने का नियम भी अब बदल गया है. पहले बेटी के गुजर जाने या उसका पता बदलने पर बंद किया जा सकता था. लेकिन अब अगर अकाउंट होल्डर्स को जानलेवा बीमारी हो जाये तो भी अकाउंट को बंद कराया जा सकता है. अगर पेरेंट्स का निधन हो जाये तो भी अकाउंट मैच्योरिटी से पहले बंद कराया जा सकता है.