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आसाननहींविरासतकीसियासत,पूर्व राजद सांसद डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पुत्र ओसामा

#आसाननहींविरासतकीसियासत,पूर्व राजद सांसद डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पुत्र ओसामा

सिवान से पूर्व राजद सांसद डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पुत्र ओसामा साहेब को उनके सियासी विरासत का उत्तराधिकारी भले बना दिया गया हो पर सिवान में अब हालात पहले जैसे नहीं रहे जहां सहानुभूति लहर में अपने पिता की तरह रॉबिनहुड बनकर ओसामा बाहर निकले भले बिहार के मुस्लिम वोटरों को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक दल ओसामा के इर्द-गिर्द गणेश परिक्रमा कर रहे हैं पर उन्हें भी इस बात का अंदाजा है कि अब वह सिवान नहीं रहा जहां एक पत्ता भी शहाबुद्दीन के इशारे के बिना नहीं हिलता था सियासत बदली तो चेहरे भी बदल गए और बदल गए जातीय समीकरण भी यह सिवान था जहां माले के डर से स्वर्ण वोटर शहाबुद्दीन के साथ थे।

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आज माले राजद के साथ है। सिवान में ताल ठोक कर शहाबुद्दीन को पटखनी देने वाले ओम प्रकाश यादव आज खुद के लिए राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं कभी निर्दलीय ही सिवान में जीत का परचम फहराने वाले ओमप्रकाश यादव ने अपनी दूसरी पारी भाजपा के साथ शुरू की लगातार दूसरी बार सांसद भी बने पर गठबंधन में सिवान पर जदयू का कब्जा हो गया और ओम प्रकाश यादव का राजनीतिक कद सिमट में लगा 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट तो दे दिया पर सिवान सीट ओम प्रकाश यादव नहीं निकाल सके। शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद बैकफुट पर चली गई थी डैमेज कंट्रोल के तहत राजद के कई वरीय नेता मनावन करने शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा के पास पहुंचे क्या बातें हुई यह तो वही जाने।पप्पू यादव से लेकर ओवैसी की पार्टी के विधायकों ने भी सिवान दौरा कर लिया कौन गया कौन नहीं गया यह तो रिकॉर्ड है पर ओसामा पहली बार अपने घर से निकले तो मसरख जा पहुंचे वह भी राजद के कद्दावर नेता प्रभुनाथ सिंह से मिलने वहां भी क्या बातें हुई क्या सियासी समीकरण बने किसी को कुछ पता नहीं।

ओसामा भी भली-भांति जानते हैं कि सिवान किरण को जीतने के लिए राजपूत होटल कितने जरूरी है और इसके लिए साधन के कद्दावर नेता प्रभुनाथ सिंह का आशीर्वाद भी कितना जरूरी फिलहाल सिवान सीट पर जदयू के वरीय नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह का कब्जा है। जदयू के सारण में सिमटते जनाधार को देखकर यह भी नहीं लगता कि अगली बार यह सीट खाली होगी या किसी दूसरे को मिलेगी। अजय सिंह का कद बढ़ने के बाद एनडीए में ही कई सारे उनके विरोधी  हो चुके हैं इसमें पहला नाम है सिवान के पूर्व सांसद ओम प्रकाश यादव का और दूसरा नाम है भाजपा के विधान पार्षद टुन्ना जी पांडे का जिनके भाई बच्चा पांडे बड़हरिया से राजद के विधायक है और अब खुद टुन्ना जी पांडे भी खुलकर राजद के साथ नजर आ रहे हैं।

सिवान में एनडीए का तालमेल विधानसभा चुनाव में भी गड़बड़ नजर आ चुका है लोकसभा चुनाव आते-आते यह और भी खराब होगा और ज्यादा बढ़ेगा लेकिन क्या राजद भी एकजुट रह पाएगा यह कहना मुश्किल है नए चेहरे पुराने चेहरे को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है सत्ता में शीर्ष पर जाने की लालसा सबकी होती है भले सहानुभूति लहर में सब आंसू बहाते नजर आए पर जब मौका मिलेगा तो कोई भी उसे गवाना नहीं चाहेगा। पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहेब लगातार दो चुनावों से राजद की उम्मीदवार रहने के बावजूद सिवान में हारती आ रही है।

अब उनके पुत्र ओसामा विरासत की सियासत संभालेंगे यह तय हो चुका है।उनके बॉडी लैंग्वेज को देखते हुए यह नहीं लगता कि वह किसी एक दल के बनकर रह पाएंगे वह भी कई सारे सियासी समीकरणों को साधने में लगे हैं यही कारण है कि मुस्लिम वोट बैंक को ओवैसी की पार्टी से अपनी तरफ खींचने के लिए राजद कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। राजद के में से कई कद्दावर लोग सिवान का दौरा कर चुके हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम है लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव का जो दो बार सिवान हो आए है अब्दुल बारी सिद्धकी से लेकर पार्टी के कई वरीय नेता भी मातमपुर्सी के बहाने हालचाल जानने सिवान हो आए है पर अभी तक तेजस्वी यादव व ओबामा की मुलाकात नहीं हुई है।

अनूप नारायण सिंह

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