Breaking NewsNEWS

पुणे पोर्शे कांड में पुलिस का बड़ा खुलासा

रईस के बेटे की अय्याशी तो देखो! 1 पब, 90 मिनट और उड़ा दिए 48 हजार.पुणे पोर्शे कांड में पुलिस का बड़ा खुलासा

महाराष्ट्र के पुणे में एक रईस नाबालिग अपने दोस्तों संग पार्टी करता है। शराब के नशे में पिता की करोड़ों की पोर्श कार से निकलता है नशे में धुत होकर 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चलाता है और एक बाइक को टक्कर मार देता है इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवा इंजीनियर की मौत हो जाती है हालांकि, आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसे 15 घंटे के भीतर ही जमानत भी मिल जाती है उसे कुछ घंटों बाद इस शर्त पर छोड़ दिया कि वह 15 दिनों तक येरवडा ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा और रोड एक्सीडेंट को लेकर एक निबंध लिखेगा.

जमानत की शर्त भी ऐसी कि नया मोटर व्हीकल एक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। इतना ही नहीं, इस मामले में लगातार नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं, जो बेहद चौंकाने वाले हैं

आरोप लग रहे हैं कि पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके पिता के रसूख को ध्यान में रखते हुए वीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया गया। उसे खाने के लिए पिज्जा-बर्गर मुहैया कराया गया। नाबालिग की जमानत और उसके लिए रखी गई शर्त पर भी सवाल उठाने लगे हैं

इस दुर्घटना के मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी नाबालिग के साथ किशोर न्याय बोर्ड द्वारा नरम रुख अपनाने को लेकर हैरानी जताई. फडणवीस ने बताया कि पुलिस ने हाईकोर्ट में किशोर के वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है.

फडणवीस का कहना है कि जेजे बोर्ड द्वारा नाबालिग को लेकर जो आदेश पारित किया गया वो चौंका देने वाला था. इस जघन्य अपराध के लिए उनके द्वारा बहुत उदार दृष्टिकोण अपनाया. पुणे पुलिस ने इस मामले में बोर्ड में याचिका दायर की थी कि नाबालिग के साथ वयस्क के रूप में व्यवहार करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उसकी उम्र 17 साल 8 महीने है, लेकिन जेजे बोर्ड द्वारा आवेदन को SEEN and FILED करके अलग रख दिया गया. यही कारण है कि जनता में इसको लेकर आक्रोश फैला है.

कार दुर्घटना के शिकार हुए अनीस अवधिया और अश्विनी जिनकी उर्म महज 24 साल थी अपने दोस्तों के यहा से डिनर कर के लौट रहे थे. इस दौरान तेज रफ्तार से आ रही पोर्शे कार ने उनको टक्कर मार दी. मध्य प्रदेश के रहने वाले अश्विनी कोस्टा अनीस अवधिया की गाड़ी पर पीछे बैठे हुए थे.

अश्विनी कोस्टा की मां ममता कोस्टा ने बताया है कि उनकी बेटी जबलपुर लौटने वाली थी. जून में उसके पिता का जन्मदिन है, उनको सर्प्राइज करने के लिए अश्विनी ने टिकटें भी बुक करवा ली थीं. हादसे के ठीक एक दिन पहले अश्विनी ने अपनी मां को ये बात बताई थी कि वह जबलपुर आ रही है. उसने 18 जून का टिकट भी बुक कर लिया था. अश्विनी की मां ने कहा कि सब खत्म हो गया.

अनीस अवधिया मध्य प्रदेश के पाली का रहने वाला था और करीब डेढ़ साल से पुणे में काम कर रहा था. अनीस ने पुणे के डीवाई पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पढ़ाई की थी. अनीस के मामा ज्ञानेंद्र सोनी ने बताया कि उसके परिवार में माता पिता के साथ उसका एक छोड़ा भाई है, जो डीवाई पाटिल कॉलेज में पढ़ाई करता है. अनीस के मामा ने बताया कि उसके पिता की छोटी सी प्रिंटिंग प्रेस कि दुकान है और उसकी मां हाउस वाइफ है. अनीस के मामा ने बताया कि वह अपने परिवार कीआर्थिक रूप से मदद करता था.

इस मामले में बीते दिनों कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें नाबालिग आरोपी शराब पीता नजर आ रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने यह जानकारी दी थी की नाबालिग पहले पब cosie गया, जहां उसका 48 हजार का बिल बना था. वे शनिवार को रात 10:40 पर पब पहुंचे. जब पब वालों ने इन्हें शराब परोसना बंद कर दिया तो वह रात करीब 12:00 बजे ब्लैक मैरियट पहुंचे.

पुलिस आयुक्त का कहना है कि उन्हें पब से 48 हजार का बिल मिला, जो नाबालिग द्वारा पे किया गया था. पुलिस ने बताया कि उनके पास नाबालिग और उसके कुछ दोस्तों के शराब पीते हुए सीसीटीवी फुटेज भी है और अब उनके ब्लड सैंपल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. अब तक जो जुटाए गए सबूत के आधार पर पुणे पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले युवक अनीस और युवती अश्विनी के घर वालों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है की नाबालिग आरोपी की जमानत को रद्द किया जाए. वहीं मृतक अनीश के परिजनों का कहना है की नाबालिग ने शराब पी रखी थी और वह तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था, इसलिए यह हत्या है, कोई हादसा नहीं.

वही सवाल ये भी खंड़ा होता है की क्या हमारे देश में जान की किमत महज एक निंबध रह गई है अहर ऐसा है तो फिर क्यों  “बस ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर अगर गलती से किसी को मार देते है तो 10 साल की सजा हो जाती है. क्यो देश में कानून सजा अब हैसीयत देख कर देगा .

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button