Breaking NewsTop Newsराज्यराष्ट्रीय न्यूज

अश्विनी उपाध्याय ने SC को दी अर्जी,ज्ञानवापी पर लागू नहीं होता 1991 का कानून।

ज्ञानवापी मामले में वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कि याचिका में ज्ञानवापी केस में खुद को पक्षकार...

desk : ज्ञानवापी मामले में वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कि याचिका में ज्ञानवापी केस में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है। और साथ ही उन्होंने कहा कि 1991 में बना प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट मस्जिदों पर लागू नहीं होता है । उन्होंने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से जुड़ा है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में यह भी दलील दी है कि इस्लामिक सिद्धांतों के मुताबिक भी मन्दिर तोड़कर बनाई गई कोई इमारत मस्जिद नहीं हो सकती। उन्होंने अपनी याचिका में मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करने की मांग की है, जिसे ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के खिलाफ दायर किया गया है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

दरअसल मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का विरोध करते हुए 1991 के कानून का ही हवाला दिया है। उसका कहना था कि वाराणसी की अदालत सर्वे को लेकर कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है। इसकी वजह यह है कि 1991 का कानून किसी भी धार्मिक स्थल की यथास्थिति की बात करता है। बता दें कि 5 हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर याचिका दायर की थी, जिसके बाद वाराणसी की कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे पर रोक से इनकार किया है और वाराणसी की अदालत को सुनवाई का आदेश दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button